अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आईटीआई कर्मचारी संघ अब शासन और विभाग से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि यदि मांग पूरी न हुई तो संस्थान खुलते ही प्रदेशभर में असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के आह्वान पर आईटीआई अनुदेशकों, कार्यदेशकों व भंडारी संवर्ग की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध लगातार जारी है। इस क्रम में मंगलवार को कार्मिकों ने संस्थान पहुंचकर मांगों के समर्थन में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। प्रांतीय अध्यक्ष आरपी जोशी ने कहा कि शासन द्वारा प्रशिक्षण संस्थानों को भी प्रशिक्षण के लिए खोले जाने की सहमति प्रदान कर दी गई है। ऐसे में इस सांकेतिक विरोध को कार्यबहिष्कार एवं असहयोग आंदोलन के रुप में आगे बढाए जाने की रणनीति बनाने के लिए जल्द ही बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा। विभाग या शासन स्तर से किसी भी मांग के पूर्ण किए जाने को लेकर कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया गया है। प्रांतीय महामंत्री पंकज सनवाल ने कहा कि राजधानी देहरादून से लेकर निदेशालय हल्द्वानी तक आंदोलन को और अधिक तेज किए जाने की मांग उठने लगी है। विभाग और शासन का रवैया कार्मिकों को कार्य बहिष्कार, असहयोग आंदोलन और हड़ताल करने पर बाध्य कर रहा है। सनवाल ने कहा कि ऐसे में आर-पार का आंदोलन होना निश्चित है।