तपिश लगातार बढ़ रही है और लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। इसके बावजूद कुमाऊं के सबसे बड़े डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल का ट्रामा सेंटर में एसी ही खराब पड़ा है। भर्ती मरीज तड़पने को मजबूर हैं। तीमारदार अस्पताल प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं। 14 बेड के ट्रामा सेंटर 11 मरीज हैं, जिनमें अधिकतर की हालत गंभीर है।
अप्रैल के शुरुआत से ही गर्मी बढऩे लगी थी। सोमवार को तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। एसटीएच के ट्रामा सेंटर की छत इतनी तप जाती है कि अंदर भीषण गर्मी की वजह से घुटन होने लगती है। लेवल थ्री का ट्रामा सेंटर 14 बेड का है। वर्तमान में 11 मरीज भर्ती हैं। इनमें से अधिकांश की हालत गंभीर बनी हुई है।
एक मरीज सिलिंडर फटने की वजह से जला हुआ मरीज भी भर्ती है। यह स्थिति दर्द कराह रहे मरीजों के लिए मुसीबत बन गई है। तीमारदार अपने मरीजों को हाथ के पंखे से हवा लगाते हुए थक चुके हैं। आइसीयू होने की वजह से तीमारदार सेंटर के अंदर बैठ नहीं सकते हैं। इस तरह की स्थिति से स्टाफ भी परेशान है।
अभी स्टाफ की भी नहीं है पूरी व्यवस्था अस्पताल में स्टाफ भी पर्याप्त नहीं हैं। जहां अलग से नर्सिंग स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ नियुक्त होना चाहिए था, वहीं अभी तक फाइल शासन में दबी है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने स्टाफ की व्यवस्था की है।
सुनिए क्या कहते हैं तीमारदार बिंदुखत्ता निवासी हर्ष बिष्ट ने बताया कि ट्रामा सेंटर में मेरा भाई भर्ती है। एसी के न चलने की वजह से दम घुट रहा है। इसके लिए मैं अस्पताल प्रबंधन से लेकर डीएम तक से शिकायत कर चुका हूं। सल्ट रानीखेत भूपाल सिंह ने बताया कि ट्रामा सेंटर में मेरे ससुरजी भर्ती हैं। सिलिंडर फटने की वजह से जल भी गए थे। यहां पर एसी न चलने की वजह से बहुत अधिक दिक्कत हो रही है। गौलापार निवासी ललित बिष्ट का कहना है कि ट्रामा सेंटर में एसी न होना बहुत अधिक पीड़ादायक स्थिति है। अस्पताल प्रशासन को मरीजों के हित में जल्द ही ऐसी को ठीक कराना चाहिए। समाधान को लेकर जनप्रतिनिधि भी ध्यान दें।