होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा और ठेलों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले व्यापारियों को अब नगर निगम से सैनिटेशन एंड हाइजीन का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। बिना प्रमाणपत्र के खाद्य सुरक्षा विभाग भी इन्हें लाइसेंस जारी नहीं करेगा। उधर, निगम से प्रमाणपत्र नहीं लेने पर नगर निगम पांच हजार से लेकर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाएगा। नगर आयुक्त ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग पहले निगम क्षेत्र में खाद्य पदार्थ बेचने वालों को प्रमाण पत्र देता था। लेकिन बाद में खाद्य सुरक्षा विभाग अलग होने के बाद शासन ने निगम से यह काम छीन लिया। अब शासन ने दोबारा यह काम नगर निगम को दे दिया है। साथ ही निगम के प्रमाण पत्र के बिना एफएसएसएआई का प्रमाण पत्र भी नहीं मिलेगा।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल ने बताया कि नगर निगम अब खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानों में जाकर निरीक्षण करेगा। निरीक्षण के बाद सैनिटेशन और हाइजीन का प्रमाणपत्र जारी करेगा। कहा कि खाद्य सामग्री बेचने वाले सभी व्यापारियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस के पकड़े जाने पर नगर निगम एसडब्लूएम 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें पांच से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। दोबारा जांच में पकड़े जाने पर जुर्माना दोगुना हो जाएगा। कहा कि दुकान में काम करने वालों के पास छह माह का मेडिकल सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। कहा कि इसकी जिम्मेदारी सफाई निरीक्षकों को दी गई है।
ये देखेगी नगर निगम की टीम
– साफ-सफाई
– शुद्ध पेयजल है या नहीं
– रेस्टारेंट, होटल, ठेले, ढाबों में काम करने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ है या नहीं
– टीबी या फंगल इंफेक्शन तो नहीं है।
खुले में मीट-मांस बेचने वालों पर भी होगी कार्रवाईहल्द्वानी। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने कहा कि खुले में मीट-मांस बेचने वालों पर नगर निगम कार्रवाई करेगा। उपाध्याय ने कहा कि सड़क किनारे ठेले-फड़ पर मीट-मांस बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। मीट-मांस बेचने वालों को भी सैनिटेशन और हाइजीन का प्रमाणपत्र लेना होगा।
