मंगलवार के दिन भगवान हनुमान को मीठी बूंदी का भोग लगता है. खास बात ये है कि बूंदी के लड्डू बनाकर स्टोर भी किए जा सकते हैं.
सामग्री :
2 कप बेसन
3 कप चीनी
3 कप पानी चाशनी के लिए
7-8 इलायची का पाउडर
तलने के लिए घी/रिफाइंड
बूंदी का प्रसाद बनाने की विधि :
बेसन को छानकर किसी बर्तन में निकाल लें.
घोल बनाने के लिए बेसन में आधा कप पानी मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें.
अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर घोल को इतना ढीला कर लें कि जब छलनी के ऊपर रखा जाए तो वह बूंद-बूंद करके इसके छेद से गिर सके.
बेसन के घोल में गुठलियां नहीं रहनी चाहिए.घोल को 5-6 मिनट तक या घोल के एकदम चिकना होने तक अच्छी तरह फेंट लें.
घोल में 2 छोटे घी डालें और फिर फेंट लें. तैयार घोल को 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दे…
ऐसे बनाएं चाशनी :
एक बर्तन में चीनी और पानी डालकर चाशनी बनने के लिए मीडियम आंच पर रखें.
उबाल आने पर फ्लेम तेज कर दें.चम्मच से 1 बूंद चाशनी प्लेट में गिराएं उंगली और अंगूठे के बीच चिपकाकर देखें.
चाशनी उंगली और अंगूठे से हल्की सी चिपकने लगे तो यह तैयार हो चुकी है. आप चाहें तो फ्लेवर के लिए इसमें एक इलायची भी डाल सकते हैं.
ऐसे बनाएं बूंदी :
भारी तले की चौड़ी कढ़ाही में घी/रिफाइंड डालकर गर्म होने के लिए रखें. जब यह अच्छी तरह गर्म हो जाए तो इसमें घोल की एक बूंद डालकर पता लगा लें कि यह गर्म हुआ है या नहीं. बूंदी बनाने की छलनी को कढ़ाही के ऊपर रखें और बेसन के घोल के 2 बड़े चम्मच इसके ऊपर डालकर बूंदी छानते जाएं. छलनी को थोड़ा-थोड़ा हिलाते जाएं, जिससे घोल छलनी से होकर कढ़ाही में गिरता जाए. बूंदी का हल्का सा रंग बदलने और कुरकुरे होने पर झावे से बूंदी को निकाल लें. कढ़ाही से बूंदी निकालकर चाशनी में डालें और हल्का सा दबाते जाएं. 1-2 मिनट के बाद बूंदी चाशनी से निकाल लें. आप चाहें तो इसके लड्डू भी बना सकते हैं. इस बूंदी को 3-4 हफ्ते तक कंटेनर में रख सकते हैं.