स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के प्रति अगंभीर रहने व लापरवाही बरतने के मामले में मुख्य शिक्षाधिकारी ने 26 स्कूलों के प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है। बाल संरक्षण आयोग उत्तराखंड के सख्त रवैये के बाद जारी नोटिस में सभी स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा स्कूल प्रबंधकों को 29 अप्रैल को डीपीएस रानीपुर (हरिद्वार) या 30 अप्रैल को दून यूनिवर्सिटी हाल (देहरादून) में आयोजित कार्यशाला में अनिवार्य रूप से शामिल होने कहा है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर शिक्षा विभाग की ओर से बीती 25 अप्रैल को मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय सभागार भीमताल में परीक्षा पर्व के तहत कार्यशाला आयोजित की गई थी। कार्यशाला में नैनीताल जिले के सभी राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के अलावा सीबीएसई व आइसीएससी से संबद्ध स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों को शामिल होना था। सीईओ केएस रावत ने कहा है कि कार्यशाला में बच्चों के हित से जुड़ेे बहुमूल्य सुझाव निकलकर आए थे। ऐसे में स्कूल प्रधानाचार्यों-प्रबंधकों की अनुपस्थिति गंभीर लापरवाही है। बच्चों के प्रति अगंभीरता को देख नोटिस जारी किया गया है।
हल्द्वानी के गुरुकुल इंटरनेशनल, इंस्प्रेशन, गुरु तेगबहादुर सीनियर सेकेंडरी, व्हाइटहाल, सिंथिया, बीएलएम एकेडमी, सेंट लारेंस, क्वींस, यूनिवर्सल कान्वेंट कालाढूंगी, दून पब्लिक स्कूल, एबीएम पब्लिक स्कूल, स्कालर्स एकेडमी, द मास्टर्स, वेंडी पब्लिक स्कूल गौलापार, द हेरिटेज, कोटाबाग के दून मार्डन एकेडमी, अमर मेमोरियल पब्लिक स्कूल, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, रामनगर के सेंट जोसेफ कान्वेंट, ग्रीनफील्ड एकेडमी, भीमताल के हरमन माइनर, नैनीताल के बिरला विद्या मंदिर, पार्वती प्रेमा जगाती स्कूल, आल सेंट्स कालेज, सेंट एंथोनी ज्योलीकोट, बेतालघाट के आरजीएए विद्यालय को नोटिस दिया गया है।