बेस अस्पताल में मरीजों को एमआरआइ की सुविधा मिलेगी। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने मशीन स्थापित करने के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) डा. सविता ह्यांकी ने बताया कि सीएमओ की ओर से एमआरआइ मशीन लगाने की चर्चा हुई है। मशीन को इंस्टाल करने के लिए जगह ढूंढी जा रही है। इसमें कई तरह के मानकों का पालन करना होता है। पर्याप्त जगह की आवश्यकता रहेगी। इसलिए विशेषज्ञों की टीम बुलाकर हर तरह की संभावना तलाशी जा रही है।
सीएमओ नैनीताल डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) के तहत एमआरआइ मशीन मिल रही है। इसी के तहत मशीन को बेस अस्पताल में लगाने के लिए पीएमएस से चर्चा हुई है। बेस में इस सुविधा के मिलने के बाद मरीजों को लाभ मिलेगा।
निजी अस्पताल में महंगी है जांच एमआरआइ (मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) की जांच निजी अस्पताल व डायग्नोस्टि सेंटरों में बहुत महंगी है। चार हजार से आठ हजार रुपये तक की जांच होती है। एसटीएच में लगभग तीन हजार रुपये की जांच में खर्च होते हैं।
एसटीएच में अभी ठीक नहीं हुई मशीन जिले में सरकारी स्तर पर केवल डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में एमआरआइ जांच होती है। यह जांच पिछले 15 दिन से बंद है। इसकी वजह से मरीज भटकने को मजबूर हैं। राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि एमआरआइ मशीन एक-दो दिन में ठीक हो जाएगी। काम तेजी से चल रहा है।