गौला नदी का जलस्तर तेजी से घटता जा रहा है। गौला का जलस्तर गिरने से शहर में पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है। शहर में कई जगहों से पाइप लाइन लीकेज के मामले सामने आ रहे हैं। हजारों लीटर पानी बर्बाद होने के बावजूद विभाग लीकेज को नजरंदाज कर रहा है।शहर में कई कॉलोनियों में पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। कई इलाकों में सप्लाई कतई बंद है तो कहीं पूरा पानी नहीं पहुंच पा रहा है। गौला नदी से शहर को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है लेकिन उसका जल स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। एक अप्रैल को गौला का जलस्तर 155 क्यूसेक मापा गया। इसके दस दिन बाद 10 अप्रैल को जल स्तर 136 क्यूसेक रहा। 10 दिन में ही जलस्तर 19 क्यूसेक तक घट गया। 13 अप्रैल जलस्तर 125 क्यूसेक पहुंच गया था। सिंचाई विभाग के जेई मनोज तिवारी ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते गौला का जलस्तर तेजी से घट रहा है। 13 अप्रैल के बाद अधिकारियों ने 25 अप्रैल को जांच की तो गौला का जलस्तर 94 क्यूसेक और 26 अप्रैल को घटकर 92 क्यूसेक पर पहुंच गया है। जलसंस्थान के ईई एसके श्रीवास्तव का कहना है कि गौला का जलस्तर 80 क्यूसेक पर पहुंचते ही पेयजल सप्लाई में दिक्कतें आ सकती हैं। शहर में हो रही पानी की बर्बादी के साथ-साथ बिजली कटौती भी पेयजल सप्लाई को बाधित कर रही है।
गौला से लाभान्वित इलाके
पेयजल: समूचा हल्द्वानी शहर, ग्रामीण और काठगोदाम।
सिंचाई: गौलापार फीडर से गौलापार क्षेत्र और गौलावार फीडर के लालकुआं, देवलचौड़, कठघरिया नहरों से आच्छादित गांव।
