नई दिल्ली11 घंटे पहले
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सरकार ने हुंडई, किआ, होंडा कार्स, रेनो, स्कोडा ऑटो, वोक्सवैगन इंडिया और निसान सहित अन्य कार मैन्युफैक्चरर को मैनडेटरी एमिशन नॉर्म्स का पालन नहीं करने का दोषी पाया है।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने एमिशन नॉर्म्स का सही से पालन नहीं करने के लिए कार मैन्युफैक्चरर कंपनियों पर सैकड़ों करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी है।
कारों में तुरंत सुधार करने की सिफारिश
BEE ने मैन्युफैक्चरर कंपनियों से कार में तुरंत सुधार करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही ऐसे व्हीकल बनाने के लिए कहा है, जो कम पॉल्युशन फैलाए और ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करें।
दिल्ली-NCR सहित कई अन्य शहर खतरनाक प्रदूषण से जुझ रहे
BEE ने मैनडेटरी एमिशन नॉर्म्स का पालन नहीं करने को लेकर ऐसे समय में जुर्माना लगाने की सिफारिश की है, जब दिल्ली-NCR, मुंबई, पंजाब और हरियाणा सहित कई अन्य शहर खतरनाक प्रदूषण स्तर से जूझ रहे हैं। AQI संख्या रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुका है।
यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण को गंभीरता से लिया है और राज्य व केंद्र से इसे कम करने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए कहा है। इसके साथ ही जुर्माना लगाने के लिए कहा है।
अधिक कार्बन उत्सर्जन कार बनाने वाली कंपनी पर भारी जुर्माने का नियम
एनर्जी कंजर्वेशन अमेंडमेंट 2022 के अनुसार, नॉर्म्स से अधिक कार्बन उत्सर्जन कार बनाने वाली किसी भी कंपनी को भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही इसी साल जनवरी से देश में कॉपोरेट फ्यूल इकोनॉमी को लागू किया गया है, जिसका लक्ष्य मैनडेटरी रूप से गाड़ियों के उत्सर्जन को कम करना है।
इसमें प्रति यूनिट बेची गई गाड़ियों पर 25 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। 4.7 ग्राम से अधिक उत्सर्जन के लिए बेचे गए हर व्हीकल पर 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
होंडा को लग सकता है 103 करोड़ का जुर्माना
BEE की इनिशियल कैलकुलेशन के अनुसार, होंडा कार्स को 103 करोड़ का जुर्माना भरना पड़ सकता है क्योंकि इसका उत्सर्जन मैनडेटरी एमिशन से 17 यूनिट अधिक है। इसके साथ ही रेनॉल्ड को 75 करोड़, निसान को 41 करोड़, स्कोडा को 59 करोड़ और फोर्स मोटर्स को 0.7 करोड़ का जुर्माना भरना पड़ सकता है।