Jwalamukhi Yog: Astrology’s Destructive Inauspicious Yoga, If You Want To Avoid It, Do Not Do This Work – Jwalamukhi Yog: ज्योतिष का विनाशकारी अशुभ योग, बचना है तो न करें ये काम



Jwalamukhi Yog: ज्योतिष का विनाशकारी अशुभ योग, बचना है तो न करें ये काम

Jwalamukhi Yog: ज्योतिष का विनाशकारी अशुभ योग, बचना है तो न करें ये काम
– फोटो : google

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अशुभ योगों में से एक ज्वालामुखी योग को बेहद खतरनाक माना जाता है. इस योग के बनने से ही सब कुछ बिगाड़ सकता है. कई कार्यों की शुभता एवं अशुभता का असर बेहद प्रभावि माना गया है. हिंदू धर्म में किसी भी काम को शुरू करने से लेकर शुभ कार्यों तक शुभ और अशुभ योगों का ध्यान जरूर रखा जाता है. अगर मुहूर्त अनुसर कुछ कार्य कर लिया जाए तो भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करने से बचा जा सकता है. 

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ग्रहों, तिथियों और नक्षत्रों की स्थिति में परिवर्तन के द्वारा कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है. इन्हीं अशुभ योगों में से एक है ज्वालामुखी योग. इसे सबसे खतरनाक योगों की श्रेणी में रखा जाता है.

ज्वालामुखी योग कब बनता है?


ज्वालामुखी योग एक अशुभ योग है, जो तिथि, नक्षत्र और योग के कारण बनता है. एक विशेशः तिथि समय पर जब कोई विशेष नक्षत्र की स्थिति उत्पन्न होती है तो यह योग उस दिन बनता है.  प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र होने से भी यह बनता है, इसके अलावा यदि पंचमी तिथि को भरणी नक्षत्र होने से यह योग बनता है,

अष्टमी तिथि को कृतिका नक्षत्र होने से यह योग निर्मित होता है, नवमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र होने से यह योग निर्मित होता है. दशमी तिथि को आश्लेषा नक्षत्र होने से ज्वालामुखी योग बनता है. इस प्रकार तिथि और नक्षत्र का योग इस के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है.

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ज्वालामुखी योग का अशुभ प्रभाव


ज्वालामुखी योग में कुछ कार्यों को करना अनुकूल नहीं माना जाता है लेकिन क्रूर कर्मों के लिए यह अनुकूल हो सकता है. यदि किसी बच्चे का जन्म ज्वालामुखी योग में हुआ हो तो कुंडली में अरिष्ट नाम का योग खतरनाक माना जाता है. इसका असर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से परेशानी दे सकता है. ऐसा माना जाता है कि ज्वालामुखी योग में अगर किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाए तो वह लंबे समय तक उस बीमारी से पीड़ित रहता है जल्दी से स्वास्थ्य लाभ मिल पाना मुश्किल हो सकता है. 

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ज्वालामुखी योग में घर की नींव रखने से लेकर कुआं खोदने तक सब कुछ वर्जित है. इस अवधि में किए गए कार्यों का अशुभ फल प्राप्त होता है. माना जाता है कि इस अशुभ योग में विवाह जैसे शुभ कार्य भी करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं. इसलिए इस योग के दौरान विवाह से जुड़ी कोई भी रस्म करने से बचना चाहिए.

 





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