गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर और शून्य इंडिया के बीच सोमवार को विवि में एमओयू (समझौता पत्र) साइन हुआ। जिसके तहत अब शून्य इंडिया कंपनी द्वारा औषधीय एवं सगंध पौधों से बने उत्पादों का तकनीकी प्रयोग और व्यावसायिक उत्पादन पंतनगर विवि के सहयोग से किया जाएगा। यह किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादों को बाजार दिलाने में अहम साबित होगा। समझौता पत्र पर विवि की ओर से कुलपति डॉ. तेज प्रताप ने हस्ताक्षर किए।
विवि के कुलपति सभागार संख्या 2 में आयोजित कार्यक्रम में इनक्यूबिटी व स्टार्टअप शून्य इंडिया के निदेशक सागर नाथ ने औषधीय और सगंध पौधों से निर्मित काली हल्दी, अम्बा हल्दी, पहाड़ी हल्दी लाते (पेय पदार्थ) व कई प्रकार के हर्बल इन्फ्यूजन (हर्बल टी), इम्यूनिटी व लिवर बूस्टर आदि प्रोडक्ट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन उत्पादों से पर्वतीय क्षेत्र के किसानों की आय को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्वरोजगार की राह भी खुलेगी। उन्होंने बताया कि औषधीय एवं सगंध पौधों पर आधारित उत्पादों को एक स्टार्टअप और इनक्यूबिटी के रूप में विवि के संयुक्त निदेशक शोध एवं सस्य विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. एमएस नेगी के निर्देशन में शुरू किया है। डॉ. नेगी औषधीय एवं सगंध पौधों के विशेषज्ञ भी हैं। निदेशक शोध डॉ. एएस नयन ने एमओयू के बारे में जानकारी दी। शोध के संयुक्त निदेशक डॉ. एमएस नेगी ने स्टार्टअप शून्य इंडिया के अस्तित्व में आने, औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादों और इनक्यूबेशन सेंटर के तकनीकी सत्रों की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि इस प्रकार के उद्यमों से उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को भविष्य में रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नए जमाने के किसान कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। इस मौके पर डॉ. एसके शर्मा, डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. पीके सिंह, डॉ. अनिक कुमार चहल, डॉ. अजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।