Sindhara Teej: Sindhara Teej Is The Auspicious Day For Unbroken Good Luck, Know About The Rituals Associated W – Sindhara Teej: सिंधारा तीज अखंण्ड सौभाग्य की प्राप्ति का शुभ दिन जानें इससे जुड़ी रस्मों के बारे में



Sindhara Teej: सिंधारा तीज अखंण्ड सौभाग्य की प्राप्ति का शुभ दिन जानें इससे जुड़ी रस्मों के बारे में

Sindhara Teej: सिंधारा तीज अखंण्ड सौभाग्य की प्राप्ति का शुभ दिन जानें इससे जुड़ी रस्मों के बारे में
– फोटो : google

सावन माह में आने वाली तीज का पर्व सौभाग्य एवं वैवाहिक सुख की प्राप्ति का विशेष समय होता है. सावन में आने वाले त्योहारों के लिहाज से तीज बेहद खास होता है. इस महीने में कई त्योहार आते हैं जिसमें से यह तीज पर्व सुहागिनों के लिए बहुत खास हो जाता है. इसी महीने में तीज का त्यौहार आता है. इस तीज को सिंधारा तीज के रुप में भी जाना जाता है. सिंधारा को सुहाग की सामग्री के रुप में भी जाना जाता है यह नव दुल्हनों के लिए बहुत खास होता है. सिंधारे पर दुल्हन के लिए ढेर सारे मिष्ठान होते हैं. 

 

सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक – 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023

वैवाहिक जीवन का आधार है सिंधारा तीज 


 तीज सावन माह के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. ऐसे में जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं उनके लिए सुबह से ही पूजा का शुभ समय शुरू हो जाता है. तीज से एक दिन पहले सिंधारे की रस्म होती है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए तीज का व्रत रखती हैं. यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुखी जीवन मिलता है. सिंधारे के रुप में दांपत्य जीवन की शुभता प्राप्त होती है. 


 


लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023

सिंधारा क्या है?


विवाहित महिला के मायके से आने वाले श्रृंगार के सामान को सिंधारा कहा जाता है. इसमें कपड़े, खाने-पीने का सामान और सजावट का सामान शामिल है.जिन लड़कियों की शादी तय हो जाती है उनके ससुराल से भी सुहाग का सामान भेजा जाता है. शादीशुदा महिलाओं के अलावा लड़कियां भी अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं. इस व्रत को करने से अच्छे पति की मनोकामना पूरी होती है. इस दिन नए कपड़े पहनती है, मेहंदी लगाती है तथा समस्त सुहाग की वस्तुओं को धारण करती हैं. सिंधारे का सामान बहुत ही शुभ एवं आशिर्वाद से भरपूर होता है. तीज से एक दिन पहले सिंधारा भेजने की प्रथा है. इस सिंधारे वस्तु पर माता-पिता का आशीर्वाद होता है इसलिए इसे शगुन रुप में दिया जाता है.  


 


सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023

तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. महिलाएं इस व्रत को निर्जला रखती हैं. शाम को पूजा करने के बाद पानी पीती हैं. इस त्योहार में महिलाएं सोलह सिंगार करके गौरी शंकर की पूजा करती हैं. आपको बता दें कि हरियाली तीज में सिंधारा महिलाओं के मायके से आता है.  


 





Source link


Like it? Share with your friends!

Choose A Format
Story
Formatted Text with Embeds and Visuals
Video
Youtube, Vimeo or Vine Embeds
Image
Photo or GIF