हिना आज़मी, देहरादून. जिस तरह से दिन पर दिन नई- नई तकनीक इजाद हो रही हैं, उसी तरह से फ्रॉड के नए-नए तरीके भी इजाद होते जा रहे हैं. राजधानी देहरादून में पहले ही कई तरह के फ्रॉड चल रहे हैं लेकिन अब नए तरीके का फ्रॉड प्रचलन में है और यह है वॉइस क्लोनिंग फ्रॉड. उत्तराखंड पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए और इस फ्रॉड से बचाने के लिए काम कर रही है. क्या होता है वॉइस क्लोनिंग फ्रॉड और देहरादून में किस तरह लोग हो रहे इन मामलों के शिकार, देखिये यह रिपोर्ट…
अगर आपके पास आपके किसी सगे संबंधी, दोस्त या किसी जानकार का अचानक फोन आता है और वह किसी मुश्किल वक्त का हवाला देते हुए आपसे किसी भी तरह पैसे की मांग करता है तो सावधान हो जाइए क्योंकि वह आपका जानकर नहीं बल्कि साइबर ठग हो सकते हैं जो आजकल AI की मदद से आपके दोस्त, रिश्तेदार की आवाज बदलकर फोन कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब धीरे-धीरे साइबर ठग नए तरीके से फ्रॉड कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड का लेटेस्ट तरीका वॉइस क्लोनिंग फ्रॉड है जिसमें AI की मदद से लोग आपकी आवाज की नकल कर सकते हैं और फिर आपकी वॉइस का सैम्पल लेकर आपके नातेदारों को कॉल कर ठगी करते हैं.
उन्होंने कहा कि साइबर ठग किडनैपिंग,सड़क दुर्घटना या किसी भी मुसीबत की बात करके आपके किसी परिजन की आवाज़ में बात कर पैसे मांग सकता है. इसलिए आपको थोड़ा सावधान होकर अक्ल से काम लेना चाहिए और उन्हें कहना चाहिए कि मैं थोड़ी देर बाद बैक कॉल करता हूँ और फिर पुष्टि कीजिए कि वह व्यक्ति सही बोल रहा है या गलत.
उन्होंने कहा इसके अलावा आप उस व्यक्ति से अपने परिवार या रिश्तेदार से जुड़ा कोई सवाल कर सकते हैं जिससे उस व्यक्ति का झूठ पकड़ा जाएगा. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर ठग इतनी सफाई से आवाज को बदलते हैं कि 85% लोग इसके शिकार हो जाते हैं.
डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तराखंडवासियों से अपील करते हुए कहा है कि ऐसे साइबर ठगों के जाल में न फंसे , कोई ओटीपी, अकाउंट नंबर या qr-code किसी व्यक्ति को ना बताएं. उन्होंने कहा कि अगर आप इस तरह की ठगी का शिकार हो भी जाते हैं तो आप अपने थाने जाकर मुकदमा दर्ज करवाएं और इसी के साथ ही आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 में डायल करके जानकारी दे सकते हैं.
AI की मदद से कैसे होता है वॉइस क्लोनिंग फ्रॉड?
प्ले स्टोर से कई तरह के वॉइस क्लोनिंग एप्प डाउनलोड किए जा सकते हैं जिनका इस्तेमाल आवाज को चेंज करने में किया जाता है. साइबर ठग फेसबुक, व्हाट्सएप या इंस्टाग्राम पर आपको कॉल करेगा और फिर आपकी वॉइस का सैम्पल लेगा जिसके बाद किसी भी AI App पर आपकी वॉइस को अपलोड कर क्लोन तैयार करता है. जिसके बाद फोन नम्बर आदि हैक करने के बाद हूबहू उसी आवाज़ में आपके रिश्तेदार या दोस्त को कॉल कर उन्हें ठगी का शिकार बनाएगा.