Yam Chaturdashi 2023: Know Why Yam Dev Is Worshiped On Yam Chaturdashi – Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा



Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा

Yam Chaturdashi 2023: जानें यम चतुर्दशी पर क्यों की जाती है यम देव की पूजा
– फोटो : my jyotish

यम चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाने वाला त्यौहार है. इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे रुप चतुर्दशी नरक चौदस इत्यादी. इस दिन यम देवता के लिए दीपदान करने का विधान भी विशेष रुप से बताया जाता है.

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पंचांग के अनुसार यम चतुर्दशी दीपावली के एक दिन पहले यानी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं. धर्म के अनुसार इसी दिन यम के निमित्त पूजन एवं दीपदान से सभी प्रकार के कष्ट विशेष रुप से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है. 


 


यम चतुर्दशी की कथा  


यम चतुर्दशी से जुड़ी कथा इस दिन की महत्ता को दर्शाने वाली होती है. पौराणिक कथा के अनुसार रंतिदेव नामक का एक राजा था. रंतिदेव धार्मिक कार्यों को बहुत मन से करता था. राजा ने अपने सारे जीवन में वह अच्छे आचरण से जीवन जीता रहा और उसने कोई भी पाप नहीं किया था. जब राजा की मृत्यु बेहद समीप आ गई, तो उसने अपने सामने यमदूत को खड़े देखा. उस समय के दौरान उसे इस पर विश्वास नहीं हुआ वह उन दूतों को देखकर राजा अचंभित रह गया. उन्होंने धर्मराज यमराज से कहा, मैंने तो जीवन में किसी प्रकार का पाप नहीं किया है फिर आप मुझे लेने क्यों आए हैं. 

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धर्मराज के आने का मतलब तो व्यक्ति को नर्क जाना पड़ता है. राजा रंतिदेव ने कहा क्या आप मुझे नर्क में ले जाने आए हैं. मेरे किस अपराध की वजह से आप मुझे नर्स ले जाना चाहते हैं. तब यमराज ने राजा से कहा हे, राजन् तुम्हारे द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौट गया था. आपके उसी बुरे कर्म का यह फल है. यह सुनकर राजा ने यमदूत से कुछ समय मांगा. धर्मराज ने तब राजा रंतिदेव को एक वर्ष का समय दिया.

यम चतुर्दशी पापों से मुक्ति का मार्ग 


राजा अपनी परेशानी लेकर ऋषियों के पास पहुंचा और उन्हें सब वृतान्त कहकर उनसे पूछा कि कृपया इस पाप से मुक्ति का क्या उपाय है. ऋषि बोले हे राजन् आप कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्रह्मणों को भोजन करवा कर उनसे अनके प्रति हुए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें.

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राजा ने वैसा ही किया जैसा ऋषियों ने उन्हें बताया. इस प्रकार राजा पाप मुक्त हुए और उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त हुआ. इस प्रकार प्रत्येक वर्ष आने वाली यह कार्तिक यम चतुर्दशी मोक्ष को प्रदान करती है तथा नरक का भय समाप्त होता है. व्यक्ति प्रभु की शरण पाता है.


 





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